भिनाय सरपंच डॉ.अर्चना सुराणा की माताजी छोटी देवी के पार्थिव शरीर को सेकड़ों व्यक्तियों ने नम आँखों से दी भावभीनी विदाई
भिनाय18 मई (केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल/डॉ.मनोज आहूजा) भिनाय कस्बे की सरपंच व कांग्रेसी नेत्री डॉ अर्चना सुराणा की माताजी व डिग्गी कल्याण के महंत तथा मालपुरा उप प्रधान पंडित मूलशंकर शर्मा की सासु माँ छोटी देवी पत्नी स्वर्गीय कन्हैया लाल सुराणा आयु 96 वर्ष का शुक्रवार 17 मई को रात्रि में बेटी अर्चना के ससुराल डिग्गी में निधन होने पर आज उनका अंतिम संस्कार छोटी देवी के पैतृक गाँव भिनाय स्थित मोक्षधाम पर किया गया।
सरपंच सुराणा का रो रोकर हुआ बुरा हाल
अंतिम यात्रा की तैयारियों के दौरान सरपंच डॉ.अर्चना सुराणा का रो रोकर बुरा हाल था,वो माँ के पार्थिव शरीर को झकझोरते हुए कहने लगी उठो माँ मुझे छोड़कर मत जाओ, मैं अब किसके सहारे जियूँगी। परिवार की महिलाओं ने बामुश्किल उन्हें समझाया व सांत्वना दी तब जाकर अंतिम यात्रा की तैयारी पूर्ण हुई।
इस अवसर पर उनकी अंतिम यात्रा में उनके सुपुत्र रिखब चंद सुराणा, कमलेश सुराणा जंवाई मूलशंकर शर्मा,भिनाय पंचायत समिति प्रधान सम्पत राज लोढ़ा,रूपचंद लोढ़ा,ग्राम विकास अधिकारी महावीर जांगिड़, राजस्व निरीक्षक मानसिंह राठौड़, भाजपा नेता टीकम आचार्य,पन्नालाल चतर,कमल कावड़िया,अभय राज सुराणा,अमर चंद पीपाड़ा,बालचंद सुराणा,राजेंद्र लोढ़ा,हस्तीमल सुराणा, चंद्रप्रकाश सुराणा,धर्मीचंद सुराणा, नरेश सुराणा,राजेश कावड़िया,वार्ड पंच मुकेश माली,जीवण खटीक, धनराज बैरवा,ताराचंद मेवाड़ा, शंकर मेवाड़ा,अशोक पीपाड़ा,लोकेश ढाबरिया, किशन साहू,समाजसेवी एडवोकेट डॉ.मनोज आहूजा,पत्रकार राजेंद्र टेलर,एडवोकेट शिवकुमार जोशी,समाजसेवी प्रकाश आचार्य, सेवानिवृत व्याख्याता सुरेश कुमार जोशी,सनातन धर्म मंडल के पूर्व अध्यक्ष ताराप्रकाश जोशी,बसंत मेवाड़ा,व्यापारी मोहनदास तेजवानी, रवि गहलोत,सज्जन सिंह, सत्यनारायण सैन,कृष्ण गोपाल, कमलेश चंदेल,नूर मोहम्मद,पवन जोशी,दिनेश सोनी,शेरा वर्मा,रणजीत सांसी,मुरली बाबर,समाजसेवी राजू मेवाड़ा, इरफ़ान अंसारी,पूर्व सदर इरफ़ान बिसायती, दीपक सैन, अय्यूब चने वाला,इक़बाल बेलीम,सांवर लाल सांखला तथा बांदनवाड़ा से रूपचंद लोढ़ा व रोशन लोढ़ा तथा डिग्गी कस्बे से सत्यप्रकाश शर्मा,दिलदार खान, सियाराम चौधरी,सलीम मोहम्मद,रोड़ू राम जाट,बुद्धिप्रकाश लक्षकार,इमरान खान,सुरेश सोनी,अशोक मौजूद रहे।
इसके साथ ही कस्बे सहित आसपास के सेकड़ों नागरिक बंधु मौजूद रहे।कस्बे के मोक्षधाम में स्थानीय समाज सेवियों ने अंतिम यात्रा और दाह संस्कार से सम्बंधित सारी व्यवस्थाओं को अंजाम दिया।इससे पूर्व छोटी देवी के पार्थिव शरीर को बैंड बाजों के साथ निज स्थान कोतवाली से रवाना कर राम नाम सत्य है,सत्य बोलो गत है के नारों के साथ मोक्षधाम तक पहुंचाया गया।जहां पर छोटी देवी के पार्थिव शरीर को उनके पुत्रों व जंवाई राजा ने मुखाग्नि देते हुए अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी।इस अवसर पर अंतिम यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं सहित कस्बेवासी व्यवस्थाओं में लगे रहे तथा नम आंखों से विदाई देते हुए देखे।
बेटी और जंवाई ने अंतिम सांस तक की सेवा-
मोक्षधाम पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया सरपंच अर्चना सुराणा का अपनी माँ के प्रति बचपन से ही विशेष लगाव रहता था इसलिये वो सदैव अपनी माँ के साथ ही रहीं तथा विवाह के बाद वो अपनी माँ को अपने ससुराल डिग्गी लेकर गई जो अंतिम सांस तक अपनी बेटी और जंवाई के साथ डिग्गी में ही रहीं जिनका अंतिम सांस तक बेटी व जंवाई द्वारा सेवा सुश्रुभा की गई।
ग्रामीणों ने बताया कि करीब दो साल पहले छोटी देवी घर में ही स्लिप होकर गिर गई थी जिस पर बेटी और जंवाई द्वारा उनकी रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन करवाया गया तब से वो लगातार बैड रेस्ट पर ही रहीं उस दौरान बेटी अर्चना और जंवाई मूलशंकर ने नित्य कर्म से लेकर सभी प्रकार की सेवाएं उन्हें घर बैठे उपलब्ध करवाकर एक मिसाल कायम की।आज के जमाने में जहां लोग अपनी नैतिक जिम्मेदारी को भूलकर अपने माँ बाप को वृद्धाश्रम में छोड़ देते हैं वहीं एक बेटी अपने ससुराल में माँ की सेवा करती है और जंवाई राजा भी उसे माँ की तरह इज्जत सम्मान देते हुए उसकी सेवा करता है तो ये समाज के लिए एक बेहतरीन उदाहरण है।