बघेरा में जगन्नाथ मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर हुआ मीटिंग का आयोजन,करीब 34 माह बाद वापस आ रहे है भगवान जगन्नाथ अपने घर
बघेरा 07 अप्रैल (केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल) क्षेत्र के धाकड़ समाज द्वारा करीब 60 गांव के समाज बंधुओ की तरफ से बघेरा स्थित जगन्नाथ मंदिर का नवनिर्माण प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर बघेरा स्थित मंदिर परिसर में पिपरौली निवासी रतनलाल धाकड़ की अध्यक्षता में आम सभा का आयोजन हुआ। इस मीटिंग में प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
- सफल आयोजन के लिए कमेटियों का गठन
इस अयोजन के सफल आयोजन को लेकर व्यवस्थाओं के सुचारू होने के लिए महा प्रसादी लिए, टेंट वयवस्था एवं बिजली पानी सुविधाओं के लिए विभिन्न कमेटियों का गठन किया गया और उन्हें जिम्मेदारी दी गई।
बघेरा गांव में धाकड़ समाज का एक भी परिवार नहीं होने के कारण संपूर्ण कार्यक्रम की जिम्मेदारी रामसिंहपुरा,काबरिया, नारेडा एवं बद्रीपुरा को सोप सोपी गई है ।
चर्चा के अनुसार शुक्रवार 12 अप्रैल से यज्ञ अनुष्ठान हेतु यज्ञ बेदी का निर्माण आचार्य बजरंग लाल शर्मा द्वारा करवाया जाएगा, शनिवार 13 तारीख को कलश यात्रा, सोमवार 15 तारीख को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का कार्यक्रम होगा।
- प्रमुख मार्गो से निकलेगी शोभायात्रा :
कलश यात्रा वराह मंदिर से प्रारंभ होकर बलदाऊ मंदिर से प्राचीन प्रतिमा जो की अपने नव निर्माण भवन के कार्य के चलते अपने भाई बलभद्र के पास गई थी उसे संग लेकर संपूर्ण ग्राम में निकाली जाएगी और 15 तारीख को ब्रह्म भोज का आयोजन किया जाएगा।
- बलदाऊ जी के मंदिर में कर रहे थे निवास:
बघेरा कस्बे में विश्व प्रसिद्ध महा वराह मंदिर के समीप ही भगवान जगदीश का एक प्राचीन मन्दिर था बताया जाता है कि इस मंदिर कुछ भाग आक्रांताओ द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया जिस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार और नवनिर्माण धाकड़ समाज द्वारा किया गया । निर्माण कार्य के कारण मंदिर में विराजमान भगवान जगदीश अपना मंदिर कुछ दिनों के लिए छोड़कर अपने बड़े भाई भगवान बलभद्र / बलदाऊ जी के मंदिर में निवास कर रहे थे।
रविवार 20 जून 2021 को प्रातः 9:00 बजे के शुभ मुहूर्त में एवं गंगा दशमी के पावन पर्व पर भगवान जगन्नाथ दाऊजी के साथ ही विराजित हुए थे। भगवान जगन्नाथ का श्री विग्रह प्रवास के लिए बैलगाड़ी में विराजित होकर गांव के प्रमुख मोहल्लों से जुलूस के द्वारा गाजे बाजे के साथ दाऊजी के मंदिर पहुंचा था।