बघेरा कस्बे में 01 अप्रैल को श्याम मित्र मंडल के तत्वाधान में एक विशाल भजन संध्या,फागोत्सव का हुआ आयोजन

0

बघेरा 02 अप्रैल (केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल) कस्बे में वराह मंदिर प्रांगण में बाबा श्याम का आलोकिक दरबार सजा ललित नामा ने बताया कि बाबा श्याम की कृपा से यह अवसर आया उन्होंने बताया कि समस्त ग्रामवासियों सहयोग से 01 अप्रैल सोमवार को विश्व प्रसिद्ध वराह मंदिर प्रांगण में एक विशाल भजन संध्या का आयोजन हुआ जिसमे अखंड ज्योत के साथ साथ बाबा का अनुपम श्रंगार हुआ ।

भजन संध्या की शुरुवात देई धाम से आए भजन गायक अंजनी गोतम ने गणेश वंदना और कीर्तन की ह रात भजनों से की ।उसके बाद राजस्थान में ही नही अपितु भारत वर्ष के बड़े नगरों में बाबा श्याम के भजनों से अपनी पहचान बनाने वाली सुरीली गायकी की धनी रितिका कनिका अग्रवाल ने होली की धमाल ओर फाग के भजनों से रंग मत डारे री सांवरिया और रंग लेके खेलते भजनों से श्रद्धालुओ को नाचने पर मजबूर कर दिया और उसके बाद ही जब उन्हों ने नरसी और नानी बाई की करुण पुकार पर जो मायरा भजन सुनाया तो सभी को मंत्र मुग्ध और भाव विभोर कर दिया ।

वराह नगरी में श्री वराह भगवान के चरणो में अपनी कलम से नई रचना लिख के बाबा के भेट की बघेरा में बस रहे ह विष्णु वराह अवतारी उसके बाद जयपुर सांगानेर से आए भजन गायक आदित्य छिपा ने बाबा को अपने भाव भरे भजनों से रिझाया तो सभी लोग अपने आप को बाबा के चरणों में होने जैसा अहसास कर रहे थे ।

आदित्य छिपा ने मन की वाता सांवरिए ने आज सुना कर देख ले , कलाई पकड़ ले पकड़ता ना कोई जेसे भजनों को गए कर बाबा के भक्तो को बाबा से जोड़ दिया और भक्त भाव विभोर हो गए ।

पंकज म्यूजिकल ग्रुप नैनवा के द्वारा जो सुरीली धुने बिखेरी तो सब मंत्र मुग्ध हो गए ।
भजन संध्या में बघेरा सरपंच लाला राम चौधरी पूर्व प्रशासनिक अधिकारी महावीर जी उपाध्याय और श्याम मित्र मंडल ने आगंतुक महमानों का माला दुपट्टा ओर स्मृति चिन्ह दे कर सम्मान किया ।

श्री श्याम मित्र मंडल बघेरा के सुरेश भाटी,संजय साहू, संदीप पाठक ,ललित नामा ,विनोद गहलौत,मुकेश माली, कालू माली , विजय साहू ,बुद्धि प्रकाश सेन नवल सेन , महिपाल सिंह, किशन कोली, सुरेंद्र सिंह,राजीव सिंह , दसरथ पाठक , किशन माली , लोकेश जाट ,रवि साहू, संजय जैन, आदि कई सदस्य ने अपनी सेवा दी ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

You cannot copy content of this page