धन धन श्री गुरु हर राय साहब जी प्रकाश पर्व बड़ी श्रद्धा और भावना से मनाया
सनातन धर्म की रक्षा करने में सिखों ने निभाई महत्त्वपूर्ण भूमिका-वीरेंद्र सिंह कानावत
बांदनवाड़ा 17 मार्च (केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल/डॉ.मनोज आहूजा )सिख समाज व बंजारा समाज द्वारा रविवार को धन धन श्री गुरु हर राय साहब जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा और भावना से मनाया गया।खुले पंडाल में गुरुद्वारा साहिब में सुबह दीवान में श्री सुखमणी साहिब जी का पाठ हुआ व कीर्तन बीबी भाई साहब जोगिंदर सिंह जी अजमेर वाले,बाबा निहाल सिंह शाहपुरा से,बाबा मोहन सिंह बूँदी से गोपाल सिंह मालपुरा से तथा भाई साहब गुरुमीत सिंह व अन्य कथा वाचक ने संगत को गुरु साहब के जीवन के बारे मे बताया व संपूर्ण समाप्ति उपरांत गुरु महाराज का अटूट लंगर संगत में वितरित किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित मसूदा विधायक श्रीमान वीरेंद्र सिंह जी कानावत,कस्बे के राजा साहब वीरेंद्र सिंह राठौड़,भाजपा जिला कार्यकारिणी सदस्य ललित लोढ़ा,समाजसेवी एडवोकेट डॉ.मनोज आहूजा,भाजपा नेता नागेंद्र सिंह राठौड़,महावीर इंटरनेशनल के पूर्व अध्यक्ष अनिल शर्मा,युवा भाजपा नेता अनुराग शर्मा ट्रस्ट के प्रधान हरगोबिंद सिंह टुटेजा,संरक्षक व पूर्व पार्षद गुरुभेज सिंह टुटेजा,कोषाध्यक्ष जगजीत सिंह टुटेजा, सचिव दिलप्रीत सिंह टुटेजा,सरदार राजन सिंह टुटेजा, बाबा निहाल सिंह जी माणक बंजारा,कैलाश बडत्या, शिवजी तावडिया,राम सिंह,रामप्रसाद, प्रेम,श्रवण, जगदीश,छीतर सहित सदस्य मौजूद थे।
इस मौक़े पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मसूदा विधायक वीरेंद्र सिंह कानावत ने संगत को सम्बोधित करते हुए कहा कि सिख समाज हिन्दू धर्म के अनुयायी होते हैं और इन्होने सनातन धर्म की रक्षा करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है उन्होंने राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ में भी इसका उद्धवरण होने की बात कहते हुए स्थानीय बंजारा समाज का साथ व सहयोग देने की बात कही।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व सरपंच व राजा साहब वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने भी सिख समाज के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए आयोजक मंडल से कहा कि ऐसे आयोजन करते हुए हमारे पूर्वजों का इतिहास बताते रहना चाहिए ताकि हमारी युवा पीढ़ी को अपने पूर्वजों के त्याग और बलिदान की जानकारी होती रहे इससे पूर्व कथा वाचन कर रहे जोगेंद्र सिंह ने बंजारा समाज को सिख समाज का अनुयायी बताते हुए इतिहास के उद्वरण बताए तथा बंजारा समाज को व्यसन मुक्ति का सन्देश दिया इससे पूर्व अतिथियों का दुपट्टा ओढ़ाते हुए माला पहनाकर अभिनन्दन किया गया।