कृषि में उन्नत तकनीकी अपनाकर किसान समृृद्ध, खुशहाल और आत्म निर्भर बने -कृषि मंत्री

0

जयपुर, 5 मार्च(केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल) कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा की अध्यक्षता में मंगलवार को कृषि अनुसंधान केन्द्र दुर्गापुरा के श्याम ऑडिटोरियम में कृषि तकनीकी को उन्नत एवं आधुनिक बनाने के लिए राज ऋषि गोकुल ग्राम परियोजना कार्यक्रम का आयोजन किया गया। 

डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि कृषकों की आय को बढ़ाने के लिए सरकार संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को नई तकनीकों व जैविक खेती का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए, जिससे कम क्षेत्र में अधिक पैदावार होगी और किसान आर्थिक दृृष्टि से मजबूत होगा। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सोलर प्लांट लगाने पर 60 प्रतिशत एवं पॉली हाऊस लगाने पर 95 प्रतिशत तक का अनुदान कृषकों को दिया जा रहा है। इसके साथ ही किसानों को फार्म पौंड, ग्रीन हाऊस, तारबंदी, स्प्रिंक्लर, ड्रिप आदि पर अनुदान दिया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि कृषक परम्परागत खेती के स्थान पर आधुनिक खेती अपनाकर अपनी आय दुगुनी कर सकते हैं एवं उन्नत तकनीक अपनाकर डेढ़ से दो बीघा जमीन पर पॉली हाऊस में आठ से दस लाख रूपये की आमदनी कमा रहे हैं।

कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि के नवाचारों से अवगत कराने के लिए एक कृषक दल को माउण्ट आबू भेजा जायेगा, जो वहां पर ब्रह्मकुमारी में राजऋषि गोकुल ग्राम में यौगिक खेती से अवगत होंगे। कृषि मंत्री ने ब्रह्मकुमारी के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे जिन जिलों में पिछडे़ कृषक है, वहां से दो-दो गांव गोद लेकर उन गांवों का कृृषि क्षेत्र में विकास करें। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग और सरकार का ब्रह्मकुमारी को पूरा सहयोग रहेगा जिससे प्राकृृतिक खेती को बढ़ावा मिले।

डॉ. मीणा ने कहा कि प्राकृतिक एवं ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने एवं कृृषकों को इसके प्रति जागरूक करने के लिए राज्य में दो जिलो में प्राकृतिक खेती के कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जायेगा, जिससे कृषक वहां पर कृषि की परम्परागत तकनीकों से रूबरू हो सकेंगे। 

उन्होंने कहा कि कृषि योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए एवं किसानों में जैविक खेती के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर कृृषि पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में कृषि पंचायतों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इजरायल की जलवायु कृषि के अनुकूल न होते हुए भी कृषि क्षेत्र में वे उन्नत तकनीकी अपनाकर दूसरे नम्बर पर है, इसलिए वहां की तकनीकी को अपनाकर अपने प्रदेश के कृषक भी उन्नत कृषि कर सकें, इसके लिए एक तकनीकी दल एवं किसानों को इजरायल भेजा जायेगा ताकि वे फल, फूल, सब्जी व अन्य बागवानी फसलों पर किये गये कार्यो का अवलोकन कर सके।

प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्री वैभव गालरिया ने कहा कि जैविक खेती कृषकों की आय में वृृद्धि करने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। उन्होंने कहा कि परम्परागत खेती के तौर पर ब्रह्मकुमारी द्वारा अभिनव प्रयोग किये गये हैं, जिन्हे इस कार्यक्रम में कृषक सीखकर नई सोच के साथ कृषि में गुणवत्ता बढ़ायें। 

ब्रह्मकुमार चन्द्रेश भाई ने बताया कि राजऋषि गोकुल परियोजना में पंचायत स्तर पर सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए 9 संकल्प लिये गये हैें। देश को स्वर्णिम बनाने के लिए गांव में काम करने की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने यौगिक खेती पर जोर देते हुए कहा कि इसमें प्राकृृतिक खेती के सभी नियमों का पालन किया जाता है और कम लागत में अधिक व शुद्ध पैदावार ली जाती है। उन्होंने ग्राम जाहोता, जयपुर का नाम लेते हुए बताया कि राजस्थान की पहली ओ.डी.एफ. प्लस पंचायत है और यहां पर 101 कृषकों के खेतों में 25 हजार व्यवसायिक पेड़ लगाये गये हैं। भारत सरकार द्वारा इस गांव को अटल भू-जल योजना के तहत मॉडल गांव के रूप में चुना गया है।

इस दौरान कार्यक्रम में ब्रह्मकुमारी चन्द्रकला दीदी, महुआ विधायक श्री राजेन्द्र मीणा, जमवारामगढ़ विधायक श्री महेन्द्र पाल, लालसौट विधायक श्री रामविलास मीणा, आयुक्त कृृषि कन्हैया लाल स्वामी, आयुक्त उद्यानिकी श्री लक्ष्मण सिंह कुड़ी, विभागीय अधिकारी और प्रदेश के कृषक उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed

You cannot copy content of this page