जिला स्तरीय समिति से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त छोटे खनिज लीज-क्वारी लाइसेंस धारकों को बड़ी राहत, विभाग द्वारा सभी पात्र पत्रावलियां परिवेश पोर्टल पर अपलोड – विभाग द्वारा परिवेश पोर्टल पर अपलोड का निर्णय -रिकॉर्ड एक सप्ताह में ही करीब 23 हजार पत्रावलियां परिवेश पोर्टल पर अपलोड
जयपुर, 24 फरवरी(केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल) खान विभाग द्वारा जिला स्तरीय समिति से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त 5 हैक्टेयर तक की लीज व क्वारी लाइसेंस वाली खानों की पर्यावरण स्वीकृति के लिए पात्र करीब सभी 23 हजार से अधिक पत्रावलियां युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए एक सप्ताह में ही परिवेश पोर्टल पर अपलोड कर कार्यकुशलता व ईच्छाशक्ति की नई मिसाल कायम की है। अब राज्य स्तरीय अथॉरिटी में परस्पर समन्वय बनाते हुए आवश्यक कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री व खान मंत्री श्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में विभाग की संवेदनशील व राज्यहित की पहल से जिला स्तर से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त राज्य की 25 हजार से अधिक अप्रधान खनिजों के छोटे खनिज लीज व क्वारी लाइसेंस धारकों को बड़ी राहत मिली है। खान सचिव श्रीमती आनंदी ने बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा डिस्ट्रिक्ट लेवल एन्वायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी द्वारा जारी पर्यावरण स्वीकृति वाले खानधारकों को राज्य स्तरीय एन्वायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी से एक साल में पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने के निर्देश दिये गये थे। एनजीटी के आदेशों के अनुसार जिला स्तर से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त इन खान धारकों को एक साल की अवधि यानी कि 28 अप्रेल, 2024 तक राज्य स्तरीय समिति से पर्यावरण स्वीकृति लिया जाना जरुरी है। लगभग 10 माह तक एनजीटी के आदेशानुसार प्रगति नहीं होने से राज्य की 5 हैक्टेयर तक की करीब 25 हजार लीज व क्वारी लाइसेंस वाली खानों में खनन कार्य बंद होने और लाखों लोगों पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार का संकट आ गया था।
उक्त प्रकरण सामने आने पर माइंस विभाग ने करीब इन 25 हजार खानों को राज्य स्तरीय एन्वायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी से पर्यावरण स्वीकृति दिलाने की पहल की है। इसके लिए माइंस विभाग द्वारा परिवेश पोर्टल पर पत्रावलियां अपलोड कराने के साथ ही राज्य स्तर पर वन व पर्यावरण विभाग की कमेटी शिया से समन्वय बनाते हुए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कराई जा रही है।
माइंस विभाग के सभी 49 कार्यालयों के कार्यक्षेत्र में आने वाली इस तरह की खानों की पत्रावलियां जिला स्तर से वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के परिवेश पोर्टल पर अपलोड कराने के निर्देश दिए गए और राज्य स्तर पर स्वयं खान सचिव श्रीमती आनंदी व मुख्यालय स्तर पर अतिरिक्त निदेशक स्तर के अधिकारी श्री दीपक तंवर द्वारा नियमित मॉनिटरिंग से लगभग सभी पात्र 23 हजार पत्रावलियां केवल एक सप्ताह की अवधि में अपलोड़ कराकर राज्य स्तरीय एन्वायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी को प्रस्तुत कर दी गई है।
माइंस विभाग के आग्रह व गंभीरता को देखते हुए राज्य स्तरीय एन्वायरमेंट इंपेक्ट एसेसमेंट अथॉरिटी द्वारा परीक्षण कार्य शुरु करते हुए 629 पत्रावलियों का परीक्षण कर लिया है। माइंस विभाग और अथॉरिटी के बीच समन्वय व प्रगति की नियमित मोनेटरिंग सुनिश्चित की जा रही है ताकि मिशन मोड पर कार्य करते हुए एनजीटी की तय समय सीमा में पर्यावरण स्वीकृति जारी करवाई जा सके।
माइंस निदेशक श्री भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि राज्य में 15 जनवरी, 2016 से 13 सितंबर, 2018 तक 25121 इस तरह की खानों को जिला स्तरीय समिति द्वारा पर्यावरण स्वीकृति जारी की गई थी। एनजीटी ने श्री जयंत कुमार के प्रकरण में निर्णय पारीत करते हुए इस तरह की समस्त स्वीकृतियों का पुनर्मूल्यांकन राज्य स्तरीय समिति द्वारा किये जाने के निर्देश दिए गए।
गौरतलब है कि जिला स्तरीय समिति से पर्यावरण स्वीकृत प्राप्त 25121 में से 606 पहले से ही अस्वीकृत है। 1237 किन्हीं कारणों से अनुपलब्ध होने के बाद शेष लगभग सभी को राज्य स्तरीय प्राधिकरण को ऑनलाईन परिवेश पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है। एनजीटी के निर्देशों के क्रम में राज्य स्तर से पर्यावरण स्वीकृति के लिए आवश्यक सहयोग व समन्वय बनाते हुए तय समय सीमा में राज्य स्तर से नियमानुसार पर्यावरण स्वीकृति के लिए समन्वय बनाया जा रहा है।