जिले में जीरा,सरसों सौफ आदि फसलों के नुकसान परकृषि विभाग ने कीट व रोग प्रकोप का किया सर्वेजीरे की फसल में पौध संरक्षण के उपाएं बताए
केकड़ी ,20 फरवरी(केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल) केकड़ी क्षेत्र के ललाई, अजगरा, रूपनिवास, स्यार, हिंगोनिया, अजगरी, मेवदा कलां गांवों में जीरे, सरसों, सौंफ आदि फसलों का कृषि विभाग केकड़ी के संयुक्त निदेशक कृषि डॉ. महेन्द्र कुमार शर्मा, सहायक निदेशक हेमराज मीणा सहित अन्य कृषि विशेषज्ञ ने कीट व रोग प्रकोप का सर्वे किया।
सर्वे में जीरा फसल में झुलसा काल्या, उकठा एवं पीलिया रोगों के कारण 25 से 30 प्रतिशत खराबा पाया गया। झुलसा रोग के प्रकोप के कारण पौधों के सिरे झुके हुए से नजर आने लगते हैं। पौधों की पतियों एवं तनों पर गहरे भूरे रंग के धब्बें पढ़ जाते हैं। पुष्पन व दाना बनते समय आकाश में बादल छाए रहने से रोग के प्रकोप होने से काफी हानि होती हैं। झुलसा रोग के नियंत्रण हेतु 0.5 मिली लीटर डाइफेनोकोनाजोल या 1 मिली लीटर प्रोपिकोनाजोल का प्रति लीटर पानी के हिसाब से घोल बना कर 15 दिन के अंतराल पर छिड़काव करें।
उकठा रोग का प्रकोप होने पर रोग से प्रभावित पोधे हरे के हरे ही मुरझा जाते हैं। इस रोग के नियंत्रण हेतु किसानों को तीन वर्ष का फसल चक्र अपनाने (ग्वार – जीरा, ग्वार गेहूं, ग्वार – सरसों), गर्मियों में गहरी जुताई, बीजोंपचार व ट्राईकोडर्मा भूमि उपचार करने की सलाह दी गई ।
सर्वे के दौरान कृषि अधिकारी राम गोपाल मेघवंशी, कृषि विज्ञान केंद्र, अजमेर के प्रोफेसर डॉ. एस. के. शर्मा एवं ए. टी. सी., अजमेर के डॉ. जितेंद्र शर्मा, सेवानिवृत सहायक कृषि अधिकारी बद्री लाल जाट, कृषि पर्यवेक्षक मयंक सिखवाल, किशन लाल जाट, नंद किशोर मीणा, मीनू जीनगर उपस्थित रहे।