समग्र शिक्षा अभियान की समीक्षा बैठक — नवाचार और नई तकनीक का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के
जयपुर, 19 फरवरी(केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल) शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर ने कहा है कि स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में लागू होने वाले नवाचारों और नई तकनीक पर आधारित गतिविधियों से ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों को लाभान्वित करने को प्राथमिकता दी जाए। नई तकनीकी पर आधारित कार्यक्रमों का ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को पूरा लाभ मिले, इसके लिए विभागीय अधिकारी सजगता से सतत प्रयास करें।
श्री दिलावर सोमवार को जयपुर में इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान परिसर में समग्र शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश के विद्यालयों में संचालित योजनाओं, कार्यक्रमों और गतिविधियों की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने बैठक में आरटीई के तहत स्कूलों को भुगतान व्यवस्था की सतत मॉनिटरिंग करने और अब तक के भुगतान के सम्बंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही नए सत्र में विद्यालयों के खुलते ही सभी विद्यार्थियों को स्कूल ड्रेस समय पर उपलब्ध कराने के लिए समस्त औपचारिक प्रक्रियाओं को समय पर सम्पादित करने को कहा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुसार पीएम श्री विद्यालयों को आदर्श विद्यालयों के रूप में विकसित करना सरकार की प्राथमिकता है, ऐसे में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में चयनित सभी 402 विद्यालयों में चल रहे कार्यों में किसी प्रकार की लापरवाही या विलम्ब नहीं हो। उन्होंने अन्य प्रदेशों में संचालित पीएम श्री विद्यालयों का अध्ययन करते हुए राज्य के पीएम श्री विद्यालयों को उत्कृष्टता के केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए ‘मॉडल‘ तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की प्रगति की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि इन विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक अप-डाउन नहीं करें, इसकी पुख्ता व्यवस्था और सख्त मॉनिटरिंग की जाए। रेजीडेंशियल स्कूल की श्रेणी में आने वाले सभी स्कूलों में इस पहलू पर विशेष ध्यान दिया जाए। वहीं शिक्षा मंत्री ने मॉडल स्कूलों में योग्य और समर्पित शिक्षकों के चयन पर विशेष जोर दिया।
श्री दिलावर ने निर्देश दिए कि विद्यालयों में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई गई शिक्षक और स्टूडेंट डायरीज के नियमित उपयोग से शिक्षा में गुणवत्ता का समावेश हो। इसके लिए स्कूलों के निरीक्षण के दौरान सभी अधिकारी इनकी मौके पर विशेष जांच करे और देखें की डायरी का दैनिक रूप से संधारण हो रहा है या नहीं, इसके साथ ही डायरी में अंकित जानकारी के अनुसार स्कूल और क्लास रूम में गतिविधियों के वास्तविक संचालन का भी परीक्षण किया जाए। उन्होंने विद्यालयों में संचालित आईसीटी लैब, रोबोटिक्स लैब और अटल टिंकरिंग लैब की गतिविधियों से छात्र-छात्राओं में आवश्यक कौशल विकास पर फोकस करने के निर्देश देते हुए कहा कि पुरानी कम्प्यूटर लैब के स्थान पर नई लैब स्थापित करने से पूर्व ई-वेस्ट का निस्तारण निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के साथ सामंजस्य करें।
शिक्षा मंत्री ने बैठक के दौरान विभाग में विद्यालयों के स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी स्थानीय विधायकों और जनप्रतिनिधियों के साथ नियमित रूप से साक्षा करते हुए उनको इनमें आमंत्रित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में समग्र शिक्षा अभियान के तहत वर्तमान में अलग-अलग कम्पोनेंट में पदस्थापित अधिकारियों और कार्मिकों की स्थिति के बारे में चर्चा करते हुए कौन-कौन कब से कार्यरत है, इसकी सूचना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही विद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए समयबद्ध मॉनिटरिंग करते हुए निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा समग्र शिक्षा में विद्यार्थियों के हित के लिए संचालित प्रमुख गतिविधियों की जानकारी उन तक पहुंचाने के लिए ब्रोशर तैयार करने को कहा।
बैठक में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के आयुक्त एवं राज्य परियोजना निदेशक श्री अविचल चतुर्वेदी ने समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में जानकारी देते हुए इनकी प्रगति पर प्रकाश डाला। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल, बाल वाटिकाएं, ज्ञान संकल्प पोर्टल, क्लालिटी ट्रेनिंग और राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, शिक्षक प्रशिक्षण एवं सामुदायिक गतिशीलता गतिविधियां, व्यावसायिक शिक्षा, राजस्थान एजुकेशन इनिशिएटिव, स्टार प्रोजेक्ट से जुड़े कार्य, मिशन स्टार्ट एवं छात्र-छात्राओं की एक्सपोजर विजिट सहित अन्य गतिविधियों और कार्यक्रमों पर भी विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में स्कूल शिक्षा परिषद के अतिरिक्त परियोजना निदेशक श्री अनिल पालीवाल एवं श्री सुरेश बुनकर एवं अतिरिक्त निदेशक श्रीमती ममता दाधीच सहित उपायुक्त, उप निदेशक और सहायक निदेशक सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।