वन एवं पर्यावरण मंत्री ने रूंध गिदावडा का मौका निरीक्षण कर करीब एक दर्जन गोवंशों को मुक्त कराया, राजकीय भूमि से अतिक्रमण हटाने व दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने के दिए निर्देश

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जयपुर, 19 फरवरी,(केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल) श्री संजय शर्मा वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री ने सोमवार को अलवर जिले के गोकशी प्रकरण स्थल किशनगढ़बास के बिरसंगपुर गांव के रूंध गिदावडा के बीहड़ का मौका निरीक्षण कर वहां बंधे करीब एक दर्जन गोवंशों को मुक्त कराकर गोशाला भिजवाया। 

मंत्री श्री शर्मा के मौका निरीक्षण के दौरान जगह-जगह गोवंश के अवशेष मिले तथा बिहड में कई गोवंश बंधे हुए एवं विचरण करते हुए मिले। उन्होंने गोवंशों को मुक्त कराकर गोशाला भिजवाया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस पूरे बिहड क्षेत्रा में सघन सर्च अभियान चलाए। एक भी गोवंश बंधा हुआ व विचरण करता हुआ मिले तो उसे तुरन्त गोशाला भिजवाए। उन्होंने बीहड की सरकारी जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर खेती, बोरिंग, ट्रांसफार्मर व मकान आदि बने हुए मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उपखण्ड अधिकारी को निर्देश दिये कि सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करावे। उन्होंने विद्युत विभाग के सहायक अभियन्ता को निर्देश दिये कि सरकारी जमीन पर किए गए अवैध विद्युत कनेक्शनों को तुरन्त काटने की कार्रवाई करें। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारी को निर्देश दिये कि बंद पुलिस चौकी को पुनः चालू करावे। 

श्री संजय शर्मा के निर्देश पर विद्युत विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अवैध कनेक्शन काटे तथा विद्युत ट्रान्सफार्मर को मौके से हटाया। इसके उपरान्त राजस्व विभाग की टीम ने अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई प्रारम्भ की। श्री शर्मा ने कहा कि गोकशी से जुडे व्यक्तियों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर किसी भी अधिकारी व कर्मचारी की संलिप्तता पाए जाने पर उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जावेगी। इसके उपरान्त मंत्री श्री शर्मा ने किशनगढबास पुलिस थाने में प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की बैठक लेकर इस प्रकरण में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिये। 

मंत्री श्री शर्मा मौका निरीक्षण के दौरान जगह-जगह गोवंशों के अवशेषों एवं बंधे हुए गोवंश की दुर्दशा देख भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि गोमाता का हमारी संस्कृति में पूजनीय स्थान है तथा परिवार में भोजन बनाते समय पहली रोटी गोमाता के लिए निकाली जाती है तब पूरा परिवार भोजन करता है। गोमाता के साथ इस प्रकार की निर्ममता की गई है यह किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।  

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