सात साल पुराने सम्पति विवाद में हुआ राजीनामा,नया साल प्रारम्भ होते ही सुखद परिणाम सामने आने लगे हैं,पड़ोसियों के मध्य हुआ राजीनामा

केकड़ी,3 जनवरी(केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) शीतकालीन अवकाश के बाद नए साल में प्रवेश करते ही न्याय विभाग से लोक अदालत की खुशबु बिखरने लगी है जिसके परिणाम स्वरुप बुधवार को सात साल पुराने सम्पति विवाद में दो पड़ोसियों के मध्य राजीनामा हो गया। वादी गण के अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि क़स्बा बांदनवाड़ा के दो भूखंडो को तारादेवी ने अपनी सम्पति बताते हुए प्रभुसिंह के हक में 11 मई 2016 को सौदा करते हुए बीस लाख में बेचान का इकरार नामा लिखते हुए एक लाख 1100 रूपये प्राप्त कर लिए थे जिसकी जानकारी होने पर उनके पक्षकार स्वर्गीय मुन्नालाल के वारिसान बद्रीलाल, भोजराज व पीयूष ने प्रभुसिंह के खिलाफ दावा करते हुए उसे सम्पति से बेदखल करने की प्रार्थना की।वहीं स्वर्गीय सुरेश शर्मा के वारिसान ने अपने हिस्से की आधी सम्पति को प्रभुसिंह की पत्नी के नाम विक्रय पत्र कर दिया था शेष आधे प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने के लिए प्रभुसिंह ने मुन्नालाल के वारिसान के खिलाफ दावा किया तथा तारादेवी व अन्य के खिलाफ 420 का फौजदारी परिवाद पेश किया।2016 से विचाराधीन इस सम्पति वाद में विगत दिनों ताल्लुका विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष एडीजे दो ने समझाईश के लिए रेफर किया था जिस पर अधिवक्ता शैलेन्द्र सिंह राठौड़ व एडवोकेट मनोज आहूजा ने दोनों पक्षकारों के मध्य समझाईश करवाने का प्रयास किया जिसमें सफलता मिलने पर बुधवार को दोनों पक्ष के वकीलों ने अपना मामला लोक अदालत की भावना से निपटाने का आवेदन प्रस्तुत कर न्यायालय को अवगत करवाया कि दोनों परिवार पड़ोसी हैं जिन्होंने अपने मामले को मिल बैठकर सुलझा लिया है इसलिये अब वो अपना प्रकरण नहीं चलाना चाहते इस पर ताल्लुका अध्यक्ष सहित दो अन्य मामले जो कि अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो की कोर्ट में विचाराधीन थे में राजीनामा रिकॉर्ड पर लेकर प्रकरणों को लोक अदालत में रेफर किये।राजीनामा के बाद दोनों पक्ष के लोगों ने साथ में बैठकर चाय पीकर अपने पुराने विवादों को समाप्त कर नए सिरे से मधुर सम्बन्ध स्थापित किये।