प्रदेश के 477 राजकीय चिकित्सा संस्थानों का अधिकारियों ने किया आकस्मिक निरीक्षण— अनुपस्थित पाये गये अधिकारियों-कर्मचारियों को जारी होंगे कारण बताओ नोटिस
जयपुर, 29 दिसम्बर(केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह के निर्देश पर प्रदेश के 477 राजकीय चिकित्सा संस्थानों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। संभागीय संयुक्त निदेशक, सीएमएचओ, अतिरिक्त व उप सीएमएचओ, आरसीएचओ और ब्लॉक सीएमएचओ स्तर के अधिकारियों ने चिकित्सा संस्थानों में कार्मिकों की समय पर उपस्थिति, उपलब्ध जांच-दवा सहित मरीजों को दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण उपचार सेवाओं सहित साफ-सफाई व मौसमी बीमारियों की रोकथाम संबंधी निर्देशित गतिविधियों की सघन जांच कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं के सुदढ़ीकरण और अनुशासन की सुनिश्चितता के उद्धेश्य से 28 दिसम्बर को प्रातः 9 से प्रातः 9.30 बजे के मध्य सम्पूर्ण प्रदेश में यह मॉनीटरिंग की आकस्मिक कार्यवाही की गयी। उन्होंने बताया कि आकस्मिक निरीक्षण में 294 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 159 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, 3 सैटेलाइट चिकित्सालय, 11 उप जिला चिकित्सालय, 10 जिला चिकित्सालयों में अधिकारियों ने स्वास्थ्य सेवाओं की जांच की। उन्होंने बताया कि अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने और सुधारात्मक कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी करने के निर्देश दिये हैं।निरीक्षण में 472 संस्थानों में मिली संतोषप्रद सेवाएं—डॉ. माथुर ने बताया कि साफ-सफाई और अन्य सेवाओं के क्रियान्वयन में 31 चिकित्सा संस्थान में सेवाएं उत्कृष्ट, 110 में बहुत अच्छी, 184 चिकित्सा संस्थानों में अच्छी, 147 चिकित्सा संस्थानों में संतोषजनक एवं 5 चिकित्सा संस्थानों में असंतोषजनक सेवाएं पायी गयी हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान 19 चिकित्सा संस्थानों में अधिकारियों ने कोविड प्रबंधन की दृष्टि से मॉक ड्रिल के जरिये भी संसाधनों की मॉनिटरिंग की।ड्यूटी से अनुपस्थित मिले चिकित्सक व अन्य कार्मिक—निदेशक जनस्वास्थ्य ने बताया कि 221 चिकित्सक, 443 नर्सिंग व पैरामेडिकल कार्मिक, 37 मंत्रालयिक कार्मिक और 426 संविदा कार्मिक अनुपस्थित पाये गये वहीं 444 चिकित्सक, 1174 नर्सिंग कार्मिक, 92 मंत्रालयिक कार्मिक सहित 422 संविदा कार्मिक अवकाश पर थे।