अतिरिक्त मुख्य सचिव ने की ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विसेज की समीक्षा रोगियों को सुरक्षित एवं सुगम रक्त आपूर्ति के लिए बनेगा एक्शन प्लान ब्लड बैंकों के सुचारू संचालन के लिए बनाई जाएंगी दो उप समितियां

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जयपुर, 4 दिसम्बर(केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) प्रदेश में रोगियों को रक्त एवं रक्त अवयवों (प्लाजमा, प्लेटलेट्स, पैक्ड रेड ब्लड सेल्स, क्रायोप्रोसिपिटेट) की सुगम एवं सुरक्षित उपलब्धता के लिए एक्शन प्लान बनाया जाएगा एवं दो उप समितियां (रेगुलेटरी एवं टेक्नीकल) गठित की जाएंगी। यह कमेटियां प्रदेशभर में ब्लड बैंकों का भारत सरकार की गाइडलाइन अनुसार सुचारू संचालन सुनिश्चित करेंगी।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने सोमवार को शासन सचिवालय स्थित अपने कक्ष में राज्य ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विसेज एवं राज्य ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए इस संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रोगियों को सुगमतापूवर्क एवं सुरक्षित रूप से रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इसके लिए जल्द एक्शन प्लान बनाया जाए। उन्होंने ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए एक स्टेट नोडल ऑफिसर नियुक्त करने एवं जोनल स्तर पर संबंधित मेडिकल कॉलेज की जोन स्तरीय कमेटी द्वारा नियमित समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए।

गाइडलाइन के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई—

श्रीमती सिंह ने कहा कि ब्लड की सुचारू एवं सुरक्षित उपलब्धता रोगी के जीवन से जुड़ा अहम विषय है। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। उन्होंने निर्देश दिए कि राज्य में स्थापित सभी ब्लड बैंकों का नियमित रूप से निरीक्षण किया जाए और तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि कोई भी ब्लड बैंक निर्धारित प्रोटोकॉल या गाइडलाइन का उल्लंघन करे तो सख्त कार्रवाई की जाए। 

ई-रक्त कोष पर आवश्यक रूप से अपडेट हो प्रदेश का डेटा—

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि आम नागरिक तक रक्त की सुगम आपूर्ति के लिए ई-रक्त कोष पोर्टल के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। साथ ही राजस्थान सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के पोर्टल एवं 181 हैल्पलाइन के माध्यम से भी इस संबंध में आमजन को जानकारी उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने ई-रक्त कोष पोर्टल पर प्रदेश का डेटा आवश्यक रूप से अपडेट करने एवं रक्तदान तथा रक्त की उपलब्धता के लिए एक एप भी तैयार कराने के निर्देश दिए।

ब्लड बैंकों की हो नियमित मॉनिटरिंग—

श्रीमती सिंह ने कहा कि पुराने ब्लड बैंकों की नियमित मॉनिटरिंग करने के साथ ही नए लाइसेंस देते समय भारत सरकार की गाइडलाइन की पूर्णतः पालना सुनिश्चित की जाए। उन्होंने ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विसेज के सुदृढ़ीकरण के लिए मानव संसाधन की उपलब्धता के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश भी प्रदान किए। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी एवं आयुक्त चिकित्सा शिक्षा श्री शिवप्रसाद नकाते ने ब्लड ट्रांसफ्यूजन सर्विसेज को बेहतर बनाने के संबंध में आवश्यक सुझाव दिए। 

बैठक में निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रविप्रकाश माथुर, निदेशक एड्स डॉ. सुशील परमार, एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में ट्रांसफ्यूज मेडिसिन की विभागाध्यक्ष डॉ. राजश्री बेहरा, एसएमएस मेडिकल कॉलेज जयपुर की डॉ. सुनीता बूंदास, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर के डॉ. संजय प्रकाश, जेएलएन मेडिकल कॉलेज अमजेर के डॉ. जीसी मीना, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर के डॉ. अरूण भारती, राजकीय मेडिकल कॉलेज कोटा की डॉ. रश्मि पाराशर तथा उप निदेशक ब्लड सेफ्टी डॉ. केसरी सिंह शेखावत उपस्थित थे।

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