निपट गई वाट्सएप रिश्तों की दीपावली, मतलब के इस दौर में बेमतलब कोई नहीं करता याद

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अजमेर/केकड़ी 14 नवंबर (केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल/अशोक शर्मा) ये दीवाली आई और चली गई। जैसा कि हर साल आती है और यूं ही चली जाती है। मतलब के रिश्तों के लिए खिड़की-दरवाजे खुलते हैं, और बंद हो जाते हैं। इंसान बन कर इंसान की चौखट कोई नहीं चढता, क्योंकि यह वाट्सएप का दौर है और इस दौर में अमूमन इंसान का चरित्र दोहरा और दोगला है। इन्हें एक ईगो फोबिया है कि उन-सा काबिल दूजा कोई नहीं, जबकि काबिलियत उनमें धेला भर नहीं। एक शहर में रहने वाले रिश्तेदार हों या पडौसी, बस वाट्सएप पर शुभकामनाएं दे दी और हो गई समझदार होने की रस्म अदा। जबकि मतलब हो तो मीलों दूर से आंखों की पलकें तक बिछाए चले आते हैं।

आपसी आदर-भाव के वो दौर अब खाक हुए जब बड़ों के पांव छूए जाते थे। अब तो देख कर यूं अनदेखा करते हैं, जैसे देखा ही न हो, क्योंकि यह वाट्सएप जैनरेशन है, बहुत मतलबी जैनरेशन है। हां, यदि कोई मुसीबत आ जाए तो घर से निकल कर पडौस में मदद के लिए शोर मचा कर पडौसी होने की दलीलें देते नहीं हिचकते। वर्ना पडौसी से नजरों का शिष्टाचार भी नहीं निबाहते, क्योंकि यह वाट्सएप जैनरेशन है और यही हम सब का

अब ये इन्सान नहीं, इंसान के मुखौटे हैं

खैर, मुद्दे पर आते हैं। दीपावली चली गई और जाते-जाते कहीं खुशी कहीं ग़म दे गई। किसी को हंसा गई तो किसी को रूला गई। कहीं लूट हो गई तो कहीं गोली चल गई, कहीं झगड़े-फसाद हो गए, और कहीं सामूहिक बलात्कार। यद्यपि ये सब हर साल होते हैं तो इस साल भी हो गए। देश में डेढ अरब की आबादी है, ऐसे में कोई सुख-शांति से कैसे रह सकता है, क्योंकि हम सब का पेट दूसरों को सुखी देख कर दुखता है। हम लोग मंदिरों में दिखावे की घंटी बजाते हैं, सिर्फ इसलिए कि हर इन्सान पाप कर्मों से भरा हुआ और एक अनहोनी से डरा हुआ है।

धनतेरस के दिन देहरादून में रिलायंस ज्वेलरी के शोरूम में चार नकाबपोशों ने पलक झपकते 20 करोड की डकैती डाल ली और भाग गये। पूरे स्टाफ को उन्होंने हथियारों के दम पर बंधक बनाया। जिसने भी विरोध किया उसकी पिटाई कर दी।

बिहार के पटना में दीवाली पर घर की सफाई के दौरान पडौसी के घर पर पानी गिर जाने पर पडौसी ने पडौसी को गोली मार दी फलतः एक व्यक्ति की मौत हो गई। मध्यप्रदेश के खरगोन में दीवाली की बधाई देने आए भांजे की जान चली गई। घर में मामूली बात पर झगड़ा हो गया और झगड़े ने हिंसक रूप ले लिया फलतः भांजे की हत्या हो गई। ऐसे ही फिरोजपुर में आतिशबाजी को लेकर दो पड़ोसियों में मारपीट हो गई जिसमें 10 लोग घायल हो गए। भिवाडी में भी ऐसा ही हुआ जहां पटाखे छोड़ने पर झगडा हो गया जिसमें चाकू चल गए।

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के घंटाली में शार्ट सर्किट से एक घर में आग लग गई। चूंकि घर में ही टेंट हाउस चलता है। आग ने पलक झपकते पूरे घर को लपेट में ले लिया। घर में 10 साल का मासूम बच्चा अपने माता-पिता के सामने जिंदा जल कर मर गया। मां-बाप चीखते-चिल्लाते रह गए और बस एक यही होना बाकी रह गया था, सो वह भी हो गया।

आगरा की एक सोसायटी में सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हो गई। एक महिला से हैवानियत की सारी हदें पार कर बलात्कार हुआ। खून से लथपथ पीड़िता की कॉलोनीवासियों ने वीडियो बना ली जो दरिंदगी की सारी कहानी बयां कर गई। यहां एक फ्लेट में लहूलुहान युवती से कुछ युवकों ने बारी बारी दुष्कर्म किया। पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाले चारों आरोपियों रवि, जितेंद्र, मनीष और देव किशोर को गिरफ्तार कर लिया।

अब दूसरी घटनाओं का जिक्र

दीवाली के मौके पर सबसे ज्यादा आग लगने की घटनाएं घटीं। जो कि हर साल व्यापक रूप से घटती हैं और इनमें करोड़ों रुपए का नुकसान होता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। दीवाली के चार दिन पहले ही ब्यावर में एक मकान में पटाखों के गोदाम में आग लग गई जिसमें लाखों रुपयों के पटाखे खाक हो जाने के साथ ही एक महिला जिंदा जल गई। ऐसे ही परसों घूघरा में एक पटाखे बनाने वाले घर में आग लग गई जिसमें लाखों रुपयों का नुकसान हो गया।

रूडकी में पटाखों के गोदाम में आग लग जाने से चार कर्मचारी जिंदा जल गए। रायबरेली में एक गांव में पटाखा गोदाम में आग लगने से तीन बच्चे बुरी तरह झुलस गए, जिनमें से एक की हालत चिंताजनक है। गाजियाबाद में कल ठीक दीवाली के दिन एक कबाड गोदाम में आग लगने से आसपास की सात दुकानें जल कर राख हो गई तथा नौ लोग घायल हो गए। जमशेदपुर में कपड़े की दुकान में आग लगने से लाखों रुपयों का कपड़ा जल कर राख हो गया।

फ़रीदाबाद में छोटी दीवाली के दिन कबाड गोदाम में पटाखे की चिंगारी से आग लग गई जिसमें लाखों रुपयों का सामान जल गया।

पिछले महीने तमिलनाडु में एक पटाखा गोदाम में आग लग गई थी जिसमें सात लोग ज़िंदा जल गए। मुजफ्फर नगर के बुढाना में एक पटाख गोदाम में आग लगने से आसपास के कई घरों में आग लग गई। शामली में भी ऐसा ही हुआ जहां एक मकान में अवैध रूप से पटाखे बन रहे थे। बस पलक झपकते पटाखों में आग लग गई जिससे एक महिला के चिथड़े उड़ गए।

दीपावली पर मथुरा के पटाखा बाजार में आग लग जाने से 26 दुकानें जल कर राख हो गई तथा 12 लोग बुरी तरह झुलस गए। भीलवाड़ा में आर के कालोनी निवासी युवक अपनी मंगेतर नेहा के साथ मंदिर जा रहा था कि वहां पर चार-पांच युवकों ने उन पर चाकू से हमला कर दिया फलतः दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए उदयपुर रैफर कर दिया। पटना में दो सगे भाई बाईक पर दीवाली पर नालन्दा स्थित अपने घर जा रहे थे तभी पीछे से अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी फलतः दोनों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।

पटना के जगन्नाथपुरी में त्रिमूर्ति आरती के दौरान भगदड मच गई जिसमें 30 से अधिक लोग घायल हो गए। उनमें एक की हालत गंभीर है। अजमेर स्थित मदनगंज, किशनगढ़ के अजमेर रोड स्थित सुमेर नगर के टेंट हाउस में दीवाली की मध्य रात्रि को लगी आग से लाखों का नुकसान हो गया।कॉलोनी निवासियों की मदद से आग पर काबू पाया गया।

दीवाली गई, राम-राम भी गया, अब कोई किसी को पूछेगा भी नहीं कि कैसे हो, क्योंकि जो लुट जाता है, दहाड़ें मार कर वही रोता है। चारों ओर नजर दौडाता है कि कोई सहारा बने, लेकिन दूर तक कोई नज़र नहीं आता। जैसे मणिपुर में हाहाकार मचा हुआ है लेकिन न सरकार को नजर आया और न ही किसी और को। क्योंकि सब दीवाली मनाने में मशगूल थे।

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