ग्वाल समाज में है अनूठी परंपरा यहां पुरुषों द्वारा होती है गोवर्धन महाराज की पूजा

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खीर पूड़ी का लगाया भोग देश की खुशहाली के लिए की प्रार्थना

केकड़ी 14 नवंबर (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) को दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाने वाला पर्व गोवर्धन का पर्व पूरे देश में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। जहां एक और अल सुबह ही महिलाएं अपने घरों के बाहर गोवर्धन महाराज की पूजा करती हुई दिखाई देती हैं ।

वहीं दूसरी ओर ग्वाल समाज में अनूठी परंपरा है ,इस परंपरा में सभी समाज से अलग गोवर्धन पूजने की पद्धति से भिन्न है। यहां इस समाज में गोवर्धन महाराज का विशालकाय 21 फुट लंबे चौड़े गोवर्धन महाराज का स्वरुप समाज की महिलाएं मिलकर बनाती हैं । इस स्वरूप में गायें, ग्वाल बाल, दूध कुंड , कोठा, कमरे आदि चित्र अंकित कर श्रृंगारित करते हुए बड़ा ही मनोरम दृश्य को उकेरा जाता है।

खीर पुरी का लगाया भोग: महिलाओं द्वारा ही गोवर्धन महाराज का भोग अपने अपने घरों में खीर पूड़ी का स्वादिष्ट व्यंजन बनाकर तैयार की जाती है। वहीं ग्वाल समाज के पुरुष एकत्रित होकर गोवर्धन महाराज की पूजा अर्चना करते हैं और इस पूजन में बच्चे ,बुजुर्ग और युवा सब बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। युवा गोवर्धन महाराज की सात कोश की परिक्रमा लगाते हुए गोवर्धन महाराज के गीत गाते हुए चक्कर लगाकर गोवर्धन महाराज से सबकी सुख समृद्धि की कामना करते हुए पूजन करते हैं। इस दौरान बच्चे दूध कुंड में दूध पीते हैं। बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ यह पर्व ग्वाल समाज मनाता आ रहा है।

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