मृतक के परिजनों के पक्ष में नौ लाख अड़सठ हजार रुपये का अवार्ड पारित

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केकड़ी,19 अगस्त (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण संख्या 2 की अदालत ने छछून्दरा निवासी शैतान पुत्र सांवरलाल भील की मृत्यु से संबंधित दावा याचिका का निस्तारण करते हुए वाहन की बीमा कम्पनी यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के खिलाफ अवार्ड पारित करते हुए नौ लाख अड़सठ हजार 952 रुपये की क्षतिपूर्ति राशि अदा करने के आदेश पारित किए हैं।

मृतक के परिजनों के अधिवक्ता डॉ. मनोज आहूजा ने बताया कि दिनाँक 20 जुलाई 2017 को रात्रि करीब 9 बजे मृतक शैतान अपने चाचा कानाराम अपने घर से रवाना होकर कंराटी सेंटर से थोड़ा आगे अपने खेत पर जा रहे थे तभी पीछे से एक मोटरसाईकिल जिसके नंबर आर जे 48 एसए 7667 के चालक ने अपनी मोटरसाईकिल को तेज गति व लापरवाही से चलाते हुए टक्कर मार दी जिससे उसके शरीर पर काफ़ी चौटें आई जिसे भिनाय हॉस्पिटल ले गए वहाँ से उसे अजमेर रेफर किया जहां दौराने इलाज 24 तारीख को उसकी मृत्यु हो गई।

भिनाय थाने में हुई थी प्राथमिकी दर्ज: उक्त घटना की पुलिस थाना भिनाय में प्राथमिकी दर्ज कर बाद अनुसंधान आरोपी मोटरसाईकिल चालक के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई।प्रार्थीगण के अधिवक्ता डॉ.मनोज आहूजा ने उक्त दस्तावेजों के आधार पर याचिका प्रस्तुत करते क्षतिपूर्ति राशि की मांग की जिस पर बीमा कम्पनी के अधिवक्ता ने वाहन की मिथ्या लिप्तता का अभिवचन लेते हुए दुर्घटना किसी अज्ञात वाहन से होने तथा पुलिस से मिलीभगत कर पांच दिन की देरी से कानूनी राय लेकर बीमित वाहन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाकर चालान पेश करने के अभिवचन प्रस्तुत किये तथा मृतक के रोगी शैया टिकिट पर फॉल फ्रॉम बाईक लिखा होने के दस्तावेज पेश किए।जिसका खंडन करते हुए याचिकाकर्ता के अधिवक्ता डॉ.मनोज आहूजा व भैरू सिंह राठौड़ ने कहा कि दुर्घटना के तथ्यों की पुष्टि रोजनामचा रिपोर्ट सहित अन्य दस्तावेजों से होती है,साथ ही दुर्घटना कारित करने वाले वाहन का मेकेनिकल मुआयना व अन्य दस्तावेजों से दुर्घटना होने का तथ्य प्रमाणित है।मृतक इलाजरत होने की वजह से रिपोर्ट देरी से दर्ज करवाई गई है एवं बीमा कम्पनी द्वारा उठाई गई आपत्तियों को साक्ष्य अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप साबित नहीं किया गया है।

अधिवक्ता के तर्कों से सहमत होते हुए न्यायाधीश ने बीमा कम्पनी को क्षतिपूर्ति अदायगी के लिए उत्तरदायी मानते हुए नौ लाख अड़सठ हजार 952 रूपये तथा याचिका प्रस्तुत करने की दिनाँक 2 जनवरी 18 से ब्याज की राशि अधिकरण के समक्ष जमा करवाने के निर्देश पारित किए हैं।दुर्घटना के लगभग 6 साल बाद अवार्ड पारित होने पर पीड़ित परिवार को राहत मिली है।प्रार्थी गण की और से एडवोकेट मनोज आहूजा, भैरू सिंह राठौड़,रवि शर्मा द्वारा पैरवी की गई।

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