विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरणविद् पूरणमल शर्मा ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
बघेरा ,05 मई (केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल) सोमवार 5 जून 2023 यानी विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आज पर्यावर्विद पूरण मल शर्मा से बात की …ज्ञात हो कि शर्मा जी एक चिकित्साकर्मी (बघेरा)भी रहे है इस कारण उन्होंने अपनी बात भी तंदुरस्त रहने के साथ ही की…. किसी ने क्या खूब कहा है- ” होगा पर्यावरण विशुद्ध तभी इंसान तंदुरस्त होगा उनका कहना है कि कहने हमारे चारों तरफ के वातावरण और पर्यावरण की शुद्धता पर ही हमारी तंदुरुस्ती और हमारा जीवन सुरक्षित है इससे पर्यावरण की शुद्धता का महत्व अपने आप ही सिद्ध हो जाता है लेकिन आज के इस भौतिकवादी युग में मानव की दोषपूर्ण नीतियां उसकी जीवनशैली बढ़ता वर्गीकरण और पर्यावरण के प्रति अपनी जागरूकता और कर्तव्य के प्रति गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण हमारा पर्यावरण धीरे-धीरे प्रदूषित हो रहा है …खुद इंसान ने पर्यावरण में जहर घोल दिया है । वर्तमान में बदल रहे,गर्मी,तेज धूप बे मौसम बारिश मौसम और पर्यावरण को देखकर एहसास हो गया होगा ।”
ज्ञात हो कि चिकित्साकर्मी बघेरा CHC में पूरणमल शर्मा एक पर्यावरणविद् भी रहे हैं जिन्होंने पेड़ लगाने को अपने रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बना लिया ।इन्होंने बघेरा अस्पताल हो या वराह सागर की पाल या फिर कही और जगह इन्होंने पेड़ लगाकर पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। जब भी वक्त मिलता है तो निकल पड़ते हैं पेड़ लगाने के लिए और न केवल पेड़ लगाते हैं बल्कि तथा संभव उनकी देखरेख भी करते हैं… आज भी लोग इन्हें बाबा और खाती साहब के नाम से पुकारते हैं।
सन 1972 से मनाया जा रहा है पर्यावरण दिवस
पर्यावरण के प्रति जनसाधारण को जागरूक करने पर्यावरण के महत्व को समझने और अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराने के लिए वैश्विक स्तर पर प्रयास किए जाने लगे और इन्ही प्रयासों ओर उद्देश्यों के तहत प्रति वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसके मनाए जाने का फैसला 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण सम्मेलन जो स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में 119 देशों के सदस्यों की चर्चा में लिया गया था लेकिन पहला विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 1974 को ही मनाया गया तभी से ये दिवस पूरे वैश्विक स्तर पर मनाया जाता रहा है ।
पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान कैसे दे
पर्यावरणविद् पूरणमल शर्मा जो अब सेवानिवर्त हो चुके हैं ने कहा है कि पर्यावरण संरक्षण को व्यक्ति को अपने जीवन का हिस्सा बना बना लेना चाहिए ..अगर व्यक्ति अपनी दिनचर्या को सुधार लें करने निश्चित रूप से पर्यावरण संरक्षण को बल मिलेगा और हर व्यक्ति स्वस्थ रहेगा। इन्होंने बताया कि…..
अपने जन्मदिन ,वैवाहिक वर्षगांठ पर या अपनो की याद में कम से कम एक पौधा लगा कर उस दिन को हम यादगार बना सकते है,अपनी दैनिक दिनचर्या ओर अपनी आदतों मे सुधार कर अपने बच्चों के समाजीकरण में इस प्रकार की आदतें डाले की वो अपने जीवन मे पर्यावरण का महत्व समझे इस प्रकार आप ओर हम छोटी मोटो बातों से पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे सकते है ।
घर के कूड़ा-कचरे को इधर उधर न फेंककर उसे डस्टबीन में डाले ,प्लास्टिक/पॉलिथिन का उपयोग बंद करें, पशु-पक्षियों का संरक्षण करे ,पेड़ लगाये, अपने आस पास के वातावरण को साफ और शुद्ध रखे।
एक बूंद से भले ही घड़ा नही भरता लेकिन बून्द-बून्द से घड़ा जरूर भरता है । सारे काम सरकार करे इस सोच से ऊपर उठकर हमें एक अच्छे नागरिक एक अच्छे व्यक्ति धर्म समझे तभी हम तंदुरुस्त होंगे हमारा समाज तंदुरुस्त होगा ।