29 June 2025

पूर्व चिकित्सा मंत्री के सपनों को धराशायी करने की….चर्चा !

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केकड़ी (ज्ञाता जैन) जिंदगी और मौत दोनों का ख्याल आता है… जब कोई इंसान अस्पताल आता है।अजीब है अस्पताल का यह बिस्तर भी… मौत के करीब जाने वाले को भी जीने का ख्वाब दिखाता है। चर्चा आज अस्पताल की करते हैं जहां पर जाने वाला हर इंसान यह चाहता है बेहतरीन इलाज प्राप्त कर हो रही बीमारी से जल्दी छुटकारा पाया जाए…. कुछ ऐसा ही सपना संजोए केकड़ी विधायक डॉ रघु जी शर्मा ने केकड़ी क्षेत्र के व्यक्तियों के लिए संपूर्ण सुविधा युक्त चिकित्सालय बनवाया था….कई मौकों पर दिए के भाषण में डॉ रघु जी शर्मा गर्व से अपना सीना चौड़ा कर जिला चिकित्सालय की प्रशंसा भी करते हैं। प्रशंसा करनी भी चाहिए।  उन्होंने केकड़ी में एक साधारण से तीस पलंग वाले अस्पताल को क्रमोन्नत करा कर नई बिल्डिंग बनवाकर लगभग चार सौ बेड का जिला अस्पताल बनवाया.. इतना ही नहीं उन्होंने क्षेत्रवासियों को और अधिक सौगात देते हुए अस्पताल की इस बिल्डिंग के पीछे लगभग 33 करोड़ की लागत से मदर चाइल्ड यूनिट अस्पताल का भी निर्माण करवा रहे हैं।चर्चा यह है कि कि मात्र बिल्डिंग खड़ी करने से यहां के मरीजों को बेहतरीन चिकित्सा व्यवस्था मिल पाएगी…?

फाइल फोटो

चर्चा यह है कि अस्पताल से रेफर करने की आदत आखिरकार कब बंद होगी….? चर्चा यह है कि यहाँ के चिकित्सकों की मरीजों को ऑपरेशन की तारीख देने के बावजूद भी बार-बार ऑपरेशन को टालने की नियति कब सुधरेगी..? मुझे आज भी वह दिन याद है कि जिस दिन अस्पताल का उद्घाटन हुआ था तब खुद रघु जी शर्मा साहब ने यह कहा था कि यहां से कोई भी मरीज रेफर होकर ना जावे….बल्कि अजमेर सहित दूरदराज के मरीज यहां आकर इलाज कराएं….इस तरह की बेहतरीन चिकित्सा व्यवस्था इस अस्पताल में हो यह मेरा सपना है…. तो आखिर कौनसे ऐसे व्यक्ति हैं जो की पूर्व चिकित्सा मंत्री के सपनों को धरासायी करने में लगे है…?

आजकल इस चिकित्सालय में नित नए ड्रामे देखने को मिलते हैं कभी पार्किंग समस्या… तो कभी वार्डो के टॉयलेट में सफ़ाई सही न होने से बदबू आने की समस्या… तो कभी पीने का पानी न मिलने की समस्या… तो कभी ओपीडी समय में भी चिकित्सक की गैरमौजूदगी की समस्या… तो कभी चिकित्सालय परिसर में मरीजों के परिजनों को ठहरने का उचित स्थान न मिलने की समस्या… तो कभी महिला परिजनों को खुले में नहाने की समस्या…. तो कभी निशुल्क दवाइयों के वितरण केंद्र की एक-दो खिड़की ही खुली होने से लंबी कतारों की समस्या….इन सभी समस्याओं के कारण आम व्यक्ति अनायास ही यह कह पड़ता है कि बड़ा भया तो क्या भया जैसे पेड़ खजूर….

गुरुवार को एक अत्यंत दुखद माजरा देखने को मिला की एक गर्भवती महिला जो कि सामान्य कंडीशन में थी उसे सीरियस बता कर रेफर कर दिया… रेफर होने के बाद महिला एवं उसके परिजन एक घंटे से भी अधिक समय तक गर्मी के इस मौसम में धूप में एंबुलेंस का इंतजार करते रहे उसके पश्चात खुले आसमान में इस महिला ने एक बच्चे को जन्म दे दिया। बच्चे के जन्म की सूचना मिलने के बाद भी अस्पताल के कर्मियों ने कई देर तक महिला एवं नवजात शिशु की सुध नही ली जिससे चिलचिलाती धूप में दोनों तड़पते रहे। चिकित्सक को जहां भगवान का दर्जा दिया जाता है उनके सामने यह मामला आने के बावजूद भी घोर लापरवाही बरती गई… इसके बाद खुले आसमान के नीचे अस्पताल के सामने हुई इस नॉर्मल डिलीवरी की चर्चा जब सोशल मीडिया पर चली…..साथ ही इस जिला चिकित्सालय की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खुलने लगी… तब आनन-फानन में कुछ कर्मचारियों को ड्यूटी से हटा दिया गया…. इसकी सूचना जब क्षेत्रीय विधायक पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ रघु शर्मा को मिली तो उन्होंने इस चिकित्सालय का औचक निरीक्षण कर चिकित्सा व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए..चर्चा यह है कि आखिरकार नॉर्मल डिलीवरी वाली गर्भवती महिला को क्यों रेफर किया गया..? चर्चा यह है कि महिला द्वारा शिशु के जन्म की सूचना मिलने के बावजूद भी तुरंत प्रभाव से अस्पताल में एडमिट करने के बावजूद धूप में रहने के लिए क्यों मजबूर किया गया….? चर्चा यह है कि इस केस में घोर लापरवाही बरतने पर चिकित्सकों और कर्मचारियों को ड्यूटी से हटाकर मामले की इतिश्री कर दी जाएगी या इन पर प्रसूता महिला व नवजात शिशु की जिंदगी जानबूझकर खतरे में डालने पर कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी..ऐसा नहीं है कि इस तरह की रेफर करने की आदत पहली बार इस अस्पताल में देखी गई है इससे पूर्व भी कई गर्भवती महिलाओं क्रिटिकल कंडीशन में होना बताकर रेफर किया गया है….‼️ 

आखिर क्यों कलयुगी भगवान चंद सिक्के ना मिलने पर मरीजों की जिंदगी खतरे में डाल देते हैं….जिला चिकित्सालय से संबंधित ही एक और वाकिया मेरे जेहन में आया है उसकी चर्चा तो कहीं नहीं हुई पर यही उचित समय है की इसकी चर्चा की जाए….अभी कुछ दिनों पहले ही मेरे पास एक अनजान नंबर से कॉल आया की एक मरीज जो कि चार दिनों से इस हॉस्पिटल में एडमिट है। उसका अपेंडिक्स का ऑपरेशन होना है… एक चिकित्सक द्वारा मरीज को शाम को कुछ भी नही  खाने पीने की सलाह देकर अगले दिन सुबह ऑपरेशन करने की बात कहते हैं पर सुबह को फिर ऑपरेशन को टाल दिया जाता है… गर्मी के मौसम में मरीज पूरी रात भूखा प्यासा रहता है… डॉक्टर द्वारा ऑपरेशन क्यों टाला जा रहा है उसकी जानकारी मरीज व उसके परिजनों को नहीं दी गयी…शायद यह वाला चिकित्सक भी चंद सिक्कों की आवाज सुनने चाहते थे… आखिर क्यों यहां पर चिकित्सक मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है.? … खैर गुरुवार को हुई उपरोक्त दुखद घटना के बाद इस केस के संबंधित डॉक्टर को भी निलंबित कर दिया गया है…

कुछ ऐसा ही माजरा राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय में भी देखने को मिलता है यहां का एक वैद्य मरीजों को अपने प्राइवेट क्लीनिक पर आने की सलाह देता है….साथ ही प्राइवेट क्लीनिक पर जाने की आनाकानी करने पर वैद्य द्वारा मरीज को प्राइवेट केमिस्ट से महंगी दवाइयों लाने पर मजबूर कर देता है…उसके बाद ही मरीज को उसके बीमारी के बारे में सलाह दी जाती है….इस मामले के बारे में जब यहां के सीनियर को दी गई तो उन्होंने नाम न बताने व ऑन रिकॉर्ड कुछ भी जानकारी नहीं दी साथ ही पर्सनल ही मिलने पर जोर दिया….. जब इस मामले को लेकर सीनियर से पर्सनली मिले तो उन्होंने डरते डरते बताया कि उक्त वैद्य को यहां के बड़े नेताजी  का आशीर्वाद प्राप्त है हम उनका कुछ नहीं कर सकते, उनकी दुकान और कमीशन खोरी चलती रहेगी….. क्षेत्र में आयुर्वेदिक कॉलेज खुलने के बाद भी इस तरीके के हालात सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि डॉक्टर एवं वैद्य भगवान का रूप है या फिर एक दुकानदार..केकड़ी क्षेत्र में करोड़ों रुपए के विकास कार्य कर चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करने में डॉ रघु जी शर्मा ने दिन रात एक कर दिया….. पर जब तक लालची किस्म के उपरोक्त चिकित्सक, वैद्य एवं कर्मचारी यहां पर खूंटा गाड़ कर रहेंगे तब तक जनता मजबूरी में जेब से पैसा तो खर्च करेगी…. तो आपके स्वस्थ केकड़ी के सपने का क्या होगा..पर ऐसा नहीं है कि इस जिला अस्पताल में सभी चिकित्सक मरीजों के जान माल के साथ खिलवाड़ करते हैं कुछ ऐसे चिकित्सक भी है जोकि वास्तव में देवता समान है।अपने इस पेशे के साथ पूर्ण से ईमानदारी बरतते हुए भगवान का रूप लिए हुए हैं… कोरोनाकाल मे भी यहाँ की चिकित्सा व्यवस्था बेहतरीन थी… अभी भी ऐसे चिकित्सक है जोकि ऐसी चेंबर में बैठने के बजाए अस्पताल परिसर में घूम घूम कर मरीजों एवं उनके परिजनों को उचित सलाह देते हैं…. सत प्रतिशत ऐसे ही विचारधारा वाले चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ की अब इस चिकित्सालय को जरूरत है….

इसलिए इस ब्लॉग की समाप्ति से पूर्व मैं क्षेत्रीय विधायक डॉ रघु शर्मा से यही अनुरोध करूंगा कि कुछ गैर सरकारी व्यक्तियों को इस चिकित्सालय में मनोनीत सदस्य के रूप में नियुक्त करिए ताकि यहां आने वाले मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या आने पर वह इस सदस्यों से संपर्क कर सके और यहां से हंसता खिलखिलाते हुए बेहतरीन इलाज प्राप्त कर घर जा सके‼️ साथ ही अस्पताल परिसर के आसपास मरीजों के परिजनों के लिए रेन बसेरा या फिर धर्मशाला का निर्माण भी हो ताकि महिला परिजन खुले में नहाने के लिए मजबूर ना हो।

ज्ञाता जैन,केकड़ी 9261010002

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