भगवान हमेशा सच्चे भक्तों का हमेशा ध्यान रखते है -अवधेश दास जी महाराज
सांपला (केकड़ी/25 मई केकड़ी पत्रिका न्यूज पोर्टल,सुरेश वैष्णव) कस्बे में श्री केशव गोपाल गोशाला में श्रीमदभागवत कथा महोत्सव के चौथे दिन भागवत रसिक सन्त श्रद्धेय श्री अवधेश दास जी महाराज ने कहा कि भगवान सच्चे भक्तों का हमेशा ध्यान रखते है।।श्री केशव गोपाल गौशाला में कथावाचक अवधेश दास जी महाराज ने हिरण्यकश्यप की क्रूरता का वर्णन करते हुए बताया कि हिरण्यकश्यप ने भक्त प्रहलाद को समुद्र में फेंका, आग में जलाने सहित कई कष्ट दिए तथा मारने के अनेक प्रयास किए लेकिन भगवान का भक्त होने के कारण सफल नहीं हो सका। नृसिंह अवतार, दानवीर राजा बलि व वामन अवतार की कथा सुनाते हुए बताया कि भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर राजा बलि के महल मे भिक्षा लेने पहुंचे। वामन भगवान ने राजा बलि से तीन कदम भूमि मांगी जिसमें भगवान ने विराट रूप धारण कर दो कदम मे तीनों लोकों को नाप लिया तीसरा कदम राजा बलि ने अपने सिर पर धारण किया।
इसके बाद शुखदेव जी महाराज ने राजा परीक्षित को सूर्य वंश की कथा सुनाई। सूर्य वंश राजा दशरथ के भगवान राघवेन्द्र, लक्ष्मण, भरत शत्रुघ्न का का जन्म हुआ। राजा उग्रसेन द्वारा कामेष्टि यज्ञ, कंस का जन्म, कंस ने अपनी बहिन देवकी का विवाह धूमधाम से करवाया उसी समय आकाशवाणी हुई जिनसे देवकी के आठवें बालक से कंस की मृत्यु होने की घोषणा हुई। जिस पर कंस ने देवकी पहले छह पुत्रों की हत्या की। सातवें पुत्र के रूप शेषनाग के अवतार बलराम जी को भगवान ने माता रोहिणी के गर्भ में भेज दिया जिससे कंस को पता नहीं चला। माता देवकी के आठवें पुत्र के रूप में भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया।
मेरा छोटा सा संसार हरि आ जाओ इक बार मेरी नैया पार लगा दो सहित कई भजनों की प्रस्तुतियों पर भक्त खूब नाचे और झूमे।कथा के दौरान नृसिंह भगवान, वामन अवतार, भगवान श्रीकृष्ण, नंदबाबा, वासुदेव, भक्त प्रहलाद, हिरण्यकश्यप की मनमोहक झांकियां सजाई गई।