सामाजिक सरोकार का मुद्दा• DJ वाले भैया जरा धीरे तो बजाओ
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर डीजे साउंड पर डांस करता हुआ एक युवा जो डांस करते करते नीचे गिर पड़ा वायरल हो रहा…. सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है कि उसकी मृत्यु हो गई ….पता नहीं यह वीडियो कहां का है और इसमें कितनी सच्चाई है..(केकड़ी पत्रिका न्यूज़ पोर्टल इसकी सच्चाई का दावा नहीं करता है). लेकिन DJ से ध्वनि प्रदूषण के कारण धड़कन बंद होना, चिड़चिड़ा होना, सिर दर्द होना, अनिद्रा होना आदि अनेक दुष्प्रभाव आम बात हो सकती हैं लेकिन तेज आवाज बजाने वालों को यह बात कब समझ में आएगी ?. डीजे की तेज आवाज के सामने भले और स्वस्थ व्यक्ति की दिल की धड़कनें भी तेज हो जाती है धक धक करने लगता है शरीर तो फिर वृद्ध ,बीमार ,बच्चों का क्या हाल होता होगा यह बताने की आवश्यकता नहीं है……..मैं तो यही कहूंगा कि डीजे वाले भैया जरा धीरे से तो बजाओ… मनोरंजन,अति और खुशियां जरूरी है पर अति उत्साह, ज्यादा आवाज किसी की जिंदगी से बढ़कर नहीं है। निसंदेह आपको गाने बनाने का अधिकार है लेकिन उसी सीमा तक जहां तक आपका यह अधिकार किसी व्यक्ति के शांति पूर्वक और बिना किसी बाधा के जीवन जीने के अधिकार हनन न करें।